Ghatotkacha Ke Mayajal Mein/घटोत्कच के मायाजाल में

ebook

By Namita Gokhale/नमिता गोखले

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'मैं घटोत्कच हूँ, मैं राक्षस घटोत्कच हूँ। देव भीमसेन और देवी हिडिम्बी का बेटा। मैं इस पहाड़ और घाटी, जंगल और झरनों पर शासन करता हूँ, इस जंगल की आत्मा और यहाँ रहने वालों की रक्षा करता हूँ।' हुआ ऐसा कि कोई 14 साल के चिंटू पिंटू उर्फ़ चिंतामणि देव गुप्ता को सत ताल झील के पास एक बर्ड कैम्प में भेजा जाता है लेकिन अचानक वो जा पहुँचता है, महाभारत के समय में! वह टाइम ट्रैवल में फंसकर घटोत्कच और उसकी मां, हिडिम्बी से मिलता है। उससे मिलने वाला घटोत्कच भारी-भरकम राक्षस होते हुए भी बुरा नहीं। वो दिमाग चकरा देने वाली राक्षसी तकनीकों में माहिर होते हुए भी अपनी सुपर पावर का इस्तेमाल उतने ही अच्छे-से करता है जितने अच्छे-से वह जंगल और उसकी शक्तियों के सदियों पुराने रहस्यों को बताता है। फिर चिंटू पिंटू अपने इस समझदार दोस्त के साथ खुद को भारतीय महाकाव्य महाभारत की तेज़ी से घट रही घटनाओं के बीच में पाता है। ऐक्शन और एडवेंचर से भरपूर, रेखाचित्रों से सजी यह किताब संपूर्ण मनोरंजन है!
Ghatotkacha Ke Mayajal Mein/घटोत्कच के मायाजाल में